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भारत: भारत का विधान एवं संविधान, विश्व गुरु भारत का विधान


भारत, दिव्या हिंदुस्तान एवं विश्व गुरु भारत की पहचान:

भारत विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, धर्मों और परंपराओं का देश है। भारत में 22 आधिकारिक भाषाएं हैं और 1650 से अधिक बोलियां हैं। विश्व गुरु भारत एवं दिव्या हिंदुस्तान का विधान जो प्राकृतिक के आधार पर सत्य सनातन संस्कृति के आधार पर भारत की परंपराएं और मान्यताओं के आधार पर है।


यह विधान मानव कल्याण के लिए, विश्व कल्याण के लिए, प्रकृति की सेवा और रक्षा के लिए है। यह विधान प्रकृति एवं संस्कृति के दिव्या पंच तत्व पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश के लिए है। पांच दिव्य अमृत स्त्रोत, पांच देवों के आधार पर गौ, गंगा, गीत, गायत्री और गुरु के आधार पर सेवा और रक्षा के लिए, राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए, भूमि की सेवा के लिए यह संविधान दिव्या है।


भारत का विधान जो प्रकृति और संस्कृति का विधान है, जो भारत की संस्कृति के संस्कारों का विधान है। इन्हीं संस्कारों के आधार पर, इसी प्रकृति और संस्कृति के विधान के आधार पर विश्व का और मानव का कल्याण हो सकता है।


ऐतिहासिक धरोहर:

भारत में अनेक प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष हैं। यहाँ अनेक ऐतिहासिक स्मारक, मंदिर, किले और महल हैं। भारत में 52 शक्तिपीठ, 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम, अवधपुरी, जगन्नाथ पुरी जैसे कई दिव्य पूरी हैं। भारत में कई दिव्य मंदिर, कई दिव्य धाम, कई दिव्य तीर्थ स्थान हैं।


भारत, अखंड भारत, अखिल भारत में दिव्या साधु संत, ऋषि मुनि, गुरु के आश्रम, गौशालाएं हैं। भारत का आयुर्वेद, भारत में दिव्य योग ज्ञान और ध्यान केंद्र, भारत का दिव्य अष्टांग योग, भारत का दिव्य योग ज्ञान तत्व, भारत के दिव्य योग ज्ञान तत्व के ग्रंथ वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, रामचरितमानस, महाभारत, श्रीमद् भागवत गीता इत्यादि। भारत की सत्य सनातन संस्कृति, ऋषि और कृषि संस्कृति जो की भारत के समृद्ध इतिहास की गवाही देते हैं।


विविधता में एकता:

भारत अपनी विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। विभिन्न संस्कृतियों, विभिन्न परंपराओं और मान्यताओं के आधार पर संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन केंद्र है। यह दिव्या हिंदुस्तान, विश्व गुरु भारत है। यह विश्व का ज्ञान केंद्र भी है।


आध्यात्मिकता:

भारत आध्यात्मिकता और ज्ञान का केंद्र रहा है। यहाँ वेद, पुराण, उपनिषद, रामायण, रामचरित्र मानस, महाभारत और गीता जैसे प्राचीन ग्रंथों की रचना हुई है। भारत में चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत कला की भी रचना इस दिव्य हिंदुस्तान, विश्व गुरु भारत में ही हुई है।


अनेक महात्मा, ऋषि-मुनि, साधु संत, गुरु और दिव्या नारी शक्ति, वीरों और महावीरों ने दार्शनिकों ने यहाँ जन्म लिया है।


लोकतंत्र:

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहाँ नागरिकों को चुनावों में भाग लेकर अपनी सरकार चुनने का अधिकार है।


युवा शक्ति:

भारत में युवाओं की संख्या अधिक है। यह देश युवा ऊर्जा और प्रतिभा से भरपूर है।


भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहते हैं?

प्राचीन काल में भारत:

प्राचीन काल में भारत एक समृद्ध और शक्तिशाली देश था। यहाँ सोने, चांदी, रत्न और मसालों का खजाना था। इस कारण विदेशी व्यापारी भारत को "सोने की चिड़िया" कहते थे।


सैन्य शक्ति:

भारत में अनेक शक्तिशाली सेनाएँ विद्यमान हैं। इन सेनाओं ने कई युद्धों में विजय प्राप्त की।


भारत को विश्व गुरु क्यों कहते हैं?

ज्ञान और शिक्षा का केंद्र:

प्राचीन काल में भारत ज्ञान और शिक्षा का केंद्र था। यहाँ नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय थे जहाँ दुनिया भर से छात्र शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते थे।


धर्म और दर्शन:

भारत में अनेक धर्मों और दर्शनों का जन्म हुआ है। यहाँ से बौद्ध धर्म और जैन धर्म दुनिया के अन्य भागों में फैले।


योग और आयुर्वेद:

योग और आयुर्वेद भारत की प्राचीन विधाएँ हैं जो आज भी दुनिया भर में लोकप्रिय हैं।


इंडिया का संविधान:

भारत के लिए, भारत की संस्कृति के लिए, भारत की परंपराएं और मान्यताओं के लिए, भारत देश की रक्षा के लिए यह संविधान सूक्ष्म नहीं है।


भारत की धरोहर की सेवा और रक्षा के लिए, यह संविधान अभी संपूर्ण नहीं है। इस इंडिया के विधान के आधार पर हमारे भारत की संस्कृति, भारत की परंपराएं और मान्यताएं सुरक्षित नहीं रह सकती हैं। इंडिया का संविधान इस प्रकार से है और यह संविधान बदलता रहता है।





भारत: भारत का विधान एवं संविधान, विश्व गुरु भारत का विधान


भारत, दिव्या हिंदुस्तान एवं विश्व गुरु भारत की पहचान:

भारतः विभिन्नसंस्कृतीः, भाषाः, धर्माः, परंपराः च अस्ति। भारतस्य २२ अधिकृताः भाषाः सन्ति तथा च १६५० अधिकाः बोल्याः। विश्वगुरु भारतः दिव्य हिंदुस्तानस्य विधानम् यः प्राकृतिकाधारेण सत्यसनातनसंस्कृतेः अधारेण भारतस्य परंपराः मान्यताः च अधिष्ठितः अस्ति।


एतत् विधानं मानवकल्याणाय, विश्वकल्याणाय, प्रकृतेः सेवाय तथा रक्षणाय च अस्ति। एतत् विधानं प्रकृतेः संस्कृतेः च दिव्य पञ्चतत्वानाम् - पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाशस्य च अधारेण अस्ति। पञ्च दिव्यामृत स्रोतः, पञ्च देवानां अधारेण गो, गङ्गा, गीत, गायत्री, गुरु च अधिष्ठितम् सेवाय रक्षणाय च, राष्ट्रस्य सेवाय रक्षणाय च, भूमेः सेवाय च एतत् संविधानं दिव्यं अस्ति।


भारतस्य विधानं यः प्रकृतेः संस्कृतेः च विधानं अस्ति, यः भारतस्य संस्कृतेः संस्काराणां विधानं अस्ति। एतेषां संस्काराणां अधारेण, एतेषां प्रकृतेः संस्कृतेः च विधानस्य अधारेण विश्वस्य मानवस्य च कल्याणं भवितुम् अर्हति।


ऐतिहासिक धरोहर:

भारतस्य प्राचीन सभ्यताः अनेकाः अवशेषाः सन्ति। अत्र अनेकाः ऐतिहासिक स्मारकाः, मन्दिराः, किलाः, महलाः च सन्ति। भारतस्य ५२ शक्तिपीठाः, १२ ज्योतिर्लिङ्गाः, चतुर् धामाः, अवधपुरी, जगन्नाथपुरी च अत्र सन्ति। भारतस्य अनेकाः दिव्य मन्दिराः, दिव्य धामाः, दिव्य तीर्थ स्थानाः च सन्ति।


भारत, अखण्ड भारत, अखिल भारत अत्र दिव्य साधु सन्तः, ऋषयः, मुनयः, गुरवः च आश्रमाः, गोशालाः च सन्ति। भारतस्य आयुर्वेदः, भारतस्य दिव्य योग ज्ञानं ध्यान केन्द्रं, भारतस्य दिव्य अष्टाङ्ग योगः, भारतस्य दिव्य योग ज्ञान तत्वं, भारतस्य दिव्य योग ज्ञान तत्वस्य ग्रन्थाः वेदाः, पुराणाः, उपनिषदः, रामायणं, रामचरितमानसः, महाभारतः, श्रीमद्भागवद्गीता च। भारतस्य सत्य सनातन संस्कृति, ऋषि कृषी संस्कृति यः भारतस्य समृद्ध इतिहासस्य साक्ष्यं ददाति।


विविधता में एकता:

भारतः विविधता में एकता इति प्रसिद्धः अस्ति। विभिन्न संस्कृतीः, विभिन्न परंपराः, मान्यताः च अधारेण संपूर्ण विश्वस्य मार्गदर्शन केन्द्रं अस्ति। एषः दिव्य हिंदुस्तान, विश्वगुरु भारतः अस्ति। एषः विश्वस्य ज्ञान केन्द्रं अपि अस्ति।


आध्यात्मिकता:

भारतः आध्यात्मिकता ज्ञानं च केन्द्रं आसीत्। अत्र वेदाः, पुराणाः, उपनिषदः, रामायणं, रामचरितमानसः, महाभारतः, गीता च इति प्राचीन ग्रन्थानां रचना अभवत्। भारतस्य चित्रकला, मूर्तिकला, संगीतकला च अपि एषः दिव्य हिंदुस्तान, विश्वगुरु भारत अत्र रचिताः सन्ति।


अनेक महात्मानः, ऋषयः, मुनयः, साधवः, संतः, गुरवः, दिव्य नारी शक्तिः, वीराः, महावीराः च दार्शनिकाः अत्र जन्म प्राप्तवन्तः सन्ति।


लोकतंत्र:

भारतः विश्वस्य विशालतम लोकतंत्रं अस्ति। अत्र नागरिकाः निर्वाचन में भाग ग्रहण करके स्वस्य सरकारं चुनने अधिकारं प्राप्नुवन्ति।


युवा शक्ति:

भारतस्य युवा संख्या अधिका अस्ति। एषः देशः युवा ऊर्जा प्रतिभा च पूर्णं अस्ति।


भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहते हैं?

प्राचीन काल में भारत:

प्राचीन काल में भारतः एकः समृद्ध शक्तिशाली देशः आसीत्। अत्र सोने, चांदी, रत्न, मसालाः च खजाना आसीत्। अतः विदेशी व्यापारी भारतः "सोने की चिड़िया" इति कथयन्ति स्म।


सैन्य शक्ति:

भारतस्य अनेक शक्तिशाली सेनाः विद्यमानाः सन्ति। एते सेनाः अनेकेषां युद्धेषु विजय प्राप्तवन्तः सन्ति।


भारत को विश्व गुरु क्यों कहते हैं?

ज्ञान और शिक्षा का केंद्र:

प्राचीन काल में भारतः ज्ञानं शिक्षा च केन्द्रं आसीत्। अत्र नालन्दा, तक्षशिला, विक्रमशिला इव विश्वविद्यालयाः आसन् यत्र विश्वस्य छात्राः शिक्षा प्राप्तुम् आगच्छन्ति स्म।


धर्म और दर्शन:

भारतस्य अनेक धर्माः दर्शनाः च जन्म प्राप्ताः। अत्र बौद्ध धर्मः, जैन धर्मः च विश्वस्य अन्य भागेषु विस्तारं प्राप्तवन्तः।


योग और आयुर्वेद:

योगः आयुर्वेदः च भारतस्य प्राचीन विधाः सन्ति याः अद्यापि विश्वस्य अनेकेषु भागेषु लोकप्रियाः सन्ति।


इंडिया का संविधान:

भारतस्य, भारतस्य संस्कृतेः, भारतस्य परंपराः मान्यताः च, भारतस्य देशस्य रक्षणाय एषः संविधानं सूक्ष्मं न अस्ति।


भारतस्य धरोहरस्य सेवाय रक्षणाय च, एषः संविधानं संपूर्णं न अस्ति। एषः इंडिया के विधानस्य आधार पर अस्माकं भारतस्य संस्कृति, भारतस्य परंपराः मान्यताः च सुरक्षितं न भवेत्। इंडिया का संविधानं एतद्विधं अस्ति तथा एतत् संविधानं समयेन समयेन बदलते अस्ति।





Bharat: Bharat's Charter and Constitution, The Charter of Vishwa Guru Bharat


Identity of Bharat, Divya Hindustan, and Vishwa Guru Bharat:

Bharat is a country of various cultures, languages, religions, and traditions. Bharat has 22 official languages and more than 1650 dialects. The charter of Vishwa Guru Bharat and Divya Hindustan is based on the truth of the eternal culture and the traditions and beliefs of Bharat.


This charter is for human welfare, for the welfare of the world, for the service and protection of nature. This charter is for the divine five elements of nature and culture - Earth, Water, Air, Fire, and Ether. It is based on five divine nectar sources, the five deities, and is dedicated to the service and protection of the cow, Ganga, Gita, Gayatri, and Guru, for the service and protection of the nation, and for the service of the land, this constitution is divine.


Bharat's charter, which is the charter of nature and culture, is the charter of Bharat's cultural values. Based on these values, this charter of nature and culture can bring welfare to the world and humanity.


Historical Heritage:

Bharat has remnants of many ancient civilizations. There are numerous historical monuments, temples, forts, and palaces here. Bharat has 52 Shakti Peethas, 12 Jyotirlingas, four Dhams, Ayodhya, Jagannath Puri, and many other divine places. Bharat has many divine temples, divine shrines, and divine pilgrimage sites.


Bharat, in Akhand Bharat and Akhil Bharat, has divine hermitages of sages, saints, and gurus, cowsheds, Ayurveda, divine yoga knowledge, and meditation centers. Bharat's divine Ashtanga Yoga, divine yoga knowledge, the texts of Bharat's divine yoga knowledge - Vedas, Puranas, Upanishads, Ramayana, Ramcharitmanas, Mahabharata, Shrimad Bhagavad Gita, etc. Bharat's eternal culture, the culture of sages and agriculture, which testifies to Bharat's rich history.


Unity in Diversity:

Bharat is known for its unity in diversity. Based on various cultures, various traditions, and beliefs, it is the guiding center of the whole world. This is Divya Hindustan, Vishwa Guru Bharat. It is also the center of world knowledge.


Spirituality:

Bharat has been a center of spirituality and knowledge. The ancient texts like Vedas, Puranas, Upanishads, Ramayana, Ramcharitmanas, Mahabharata, and Gita were composed here. Bharat's painting, sculpture, and music art were also created in this Divya Hindustan, Vishwa Guru Bharat.


Many great souls, sages, monks, saints, gurus, and divine women, heroes, and philosophers have been born here.


Democracy:

Bharat is the largest democracy in the world. Here, citizens have the right to participate in elections and choose their government.


Youth Power:

Bharat has a large number of youth. This country is full of young energy and talent.


Why is Bharat called the Golden Bird?

Ancient Bharat:

In ancient times, Bharat was a prosperous and powerful country. It had a treasure of gold, silver, gems, and spices. Therefore, foreign traders called Bharat "the Golden Bird".


Military Power:

Bharat has many powerful armies. These armies have achieved victory in many wars.


Why is Bharat called Vishwa Guru?

Center of Knowledge and Education:

In ancient times, Bharat was a center of knowledge and education. Universities like Nalanda, Takshashila, and Vikramshila were here where students from all over the world came to receive education.


Religion and Philosophy:

Many religions and philosophies were born in Bharat. From here, Buddhism and Jainism spread to other parts of the world.


Yoga and Ayurveda:

Yoga and Ayurveda are ancient sciences of Bharat that are still popular all over the world today.


Bharat's Constitution:

For Bharat, for Bharat's culture, for Bharat's traditions and beliefs, for the protection of Bharat's nation, this constitution is not subtle.


For the service and protection of Bharat's heritage, this constitution is not yet complete. Based on this charter of India, Bharat's culture, Bharat's traditions, and beliefs cannot be secured. India's constitution is like this and it keeps changing from time to time.